Saturday, April 20, 2013

मेरा यार मिलें !

एक ऐसी श्याम मिले,
जब दिल को शुकून मिले!
हम जिन्हें याद करें,
उनका हमें दीदार मिले!

दुःख दर्द की क्या 
कमिं है ज़माने में ?
कभी सुख के सागर 
की लहेरें मिलें !

किया बहुत इंतज़ार 
पलकें  बिछायी बार बार 
अभ जीना हुआ दुशवार 
अब तो मेरा यार मिलें !

Monday, April 8, 2013

त्रिवेणी


गर कम में हो हासिल,  तो ज्यादा मत करो बयां ;
अल्फाज़ कीमती हैं आपके, उसे यूँ ही न करो जायां;
गुफ्तगुं में कौन सुने है दुसरें की, हर कोई करता है अपनी बयां.

Friday, April 5, 2013

हो जाये!


काश कभी कोई सपना  भी  सच  हो जाये!
जिसकी तलाश हो, उससे सामना हो जाये!

बंद  दिल के दरवाजे किए बैठा हुआ हूँ मैं
तुम जो आओ, शायद  वो खुले हो जाये !

सुना है हर रात की सुबह होती है
मेरे गम का भी शायद अंत हो जाये !

बरसों  पुराना  दोस्त मिल गया है  तो
शायद कोई पुरानी  याद ताज़ा हो जाये !

संपूर्ण विश्वास  से  तुम उसकी भक्ति करो
तुम्हे शायद भगवान् के दर्शन  हो जाये!

तुषार खेर



Friday, March 29, 2013

खेर

'' ळयात मळयात गाणे गाता
'' भात गिरकी घेऊ
'वी' रांगनांच्या कथा वाचता
'खे' ळात दंगुनि जाऊ
'' सरंगांचा कोष विणता
'दीप्ती' मांजी न्हाऊ
'तुषार' थेंबे रोमाचिंता
'गाथा' सह नाचू गाऊ !!!!!!

आमची तन्वी

आमची तन्वी गोरीगोरी पान
नवनवीन कपड्यात
दिसते छान।
तन्वी जवळ आहेत
बाहुली नि बाहुला
विमान, मोटर, गाड़ी
सारे तिला हवी
असतात खेळायला
रोज नवीन फ्रोक
तिला हवा असतो घालायला
आज पिंक तन्वी तर
उद्या ब्लू तन्वी
म्हणा म्हणते मला।
तन्वी चा असा
असतो थाट
बसायला हवा असतो तिला
आई बाबां च्या मांडी चा पाट
बाबांशी कधी
गट्टी फू करते
आईला ही बाबांशी
बोलू नको म्हणते
अशी ही तन्वी
अवखळ भारी
सर्वांची आवडती
घरी अन दारी।
आमची तन्वी
फार गोड
तिला खड़ी साखर
म्हणू की संत्र्या ची फोड़


सौ. विजया ब्राम्ह्णणकर ...... ०६_०९_92

Wednesday, March 27, 2013

ग़ज़ल



दर्द-ऐ-दिल से राह-ऐ- गुजर है ग़ज़ल
दर्द-ऐ-दिल से रहत भी है ग़ज़ल

उनका महेफिल में तशरीफ़ लाना है ग़ज़ल
महेफिलसे उठके चले जाना भी है ग़ज़ल

उनका नैनों से नैना मिलाना है ग़ज़ल
चुपके से नज़रें चुराना भी है ग़ज़ल

जान-ऐ-तमन्ना के लिए दिल की तड़प है ग़ज़ल
दिलदार का दीदार होना भी है ग़ज़ल

सांसों का मद्धम चलते रहेना है ग़ज़ल
मौत की बाँहों में मिलती राहत भी है ग़ज़ल

Sunday, March 24, 2013

जिदगी का सफ़र तय करे कैसे?

आप की शिकायत आप ही  से  करे कैसे?
जिन्दगी की मुश्किलें आसन करे कैसे?

आँखे तो मनका दर्पण है
हाल-ऐ-दिल छुपाये कैसे?

घुट घुट के जिए है उम्रभर हम 
मनकी बात जुबान से करे कैसे?

लोग सुनके "वाह वाह" करते है
दर्द-ऐ-दिल बयां करे कैसे?

हर गाम एक नया इम्तिहान है
जिदगी का सफ़र तय करे कैसे?