कभी कभी तनहा रहने का मन करता है
किसी से न कुछ कहने का मन करता है
दिल में जब तेरी याद बस जाती है
बस उन लम्हों को जी लेने का मन करता है
Friday, May 29, 2009
Monday, May 25, 2009
नामुमकिन नही
तेरे बगैर जिंदगी जीना ....
मुश्किल है, नामुमकिन नही
टूटे दिल का इलाज करना....
मुश्किल है, नामुमकिन नही
तेरी यादों को भुला पाना ....
मुश्किल है, नामुमकिन नही
तेरी जगह, किसी और को देना ...
मुश्किल है, नामुमकिन नही
आँसुओं को आंखों में रोकना ....
मुश्किल है, नामुमकिन नही
चहेरे पर झूठी हँसी लाना ....
मुश्किल है, नामुमकिन नही
तेरी खुशी के लिए इतना करना ....
मुश्किल है, नामुमकिन नही
हर मुश्किल को आसां करना ...
मुश्किल है, नामुमकिन नही
नामुमकिन को मुमकिन करना ...
मुश्किल है, नामुमकिन नही
मुश्किल है, नामुमकिन नही
टूटे दिल का इलाज करना....
मुश्किल है, नामुमकिन नही
तेरी यादों को भुला पाना ....
मुश्किल है, नामुमकिन नही
तेरी जगह, किसी और को देना ...
मुश्किल है, नामुमकिन नही
आँसुओं को आंखों में रोकना ....
मुश्किल है, नामुमकिन नही
चहेरे पर झूठी हँसी लाना ....
मुश्किल है, नामुमकिन नही
तेरी खुशी के लिए इतना करना ....
मुश्किल है, नामुमकिन नही
हर मुश्किल को आसां करना ...
मुश्किल है, नामुमकिन नही
नामुमकिन को मुमकिन करना ...
मुश्किल है, नामुमकिन नही
Saturday, May 16, 2009
उसको भुलाना होगा
तुझे उसको भुलाना होगा
सुन ले तू ऐ मेरे दिल।
तेरे साथ नही धड़कता
अब तेरे उस यार का दिल।
नही ला पाती तेरी हँसी
अब उसके मन की खुशी।
तेरे आंसू देख के भी अब
नही रोता उसका दिल।
नही देता है अब वो
तेरे ख़त के जवाब भी,
फिर भी क्यूँ लिखना चाहे
तू उसको ख़त, ऐ दिल?
नही चाहता हैं अब वो
तुझसे करना बातें भी,
नही सुनना चाहता हैं अब
वो तेरा हाल-ऐ दिल।
भूलना चाहता हैं अब तुझे
ये तू मान भी जा।
किसी और का हो चुका
अब तो तेरे यार का दिल।
तुझे उसको भुलाना होगा
सुन ले तू ऐ मेरे दिल।
तेरे साथ नही धड़कता
अब तेरे उस यार का दिल।
सुन ले तू ऐ मेरे दिल।
तेरे साथ नही धड़कता
अब तेरे उस यार का दिल।
नही ला पाती तेरी हँसी
अब उसके मन की खुशी।
तेरे आंसू देख के भी अब
नही रोता उसका दिल।
नही देता है अब वो
तेरे ख़त के जवाब भी,
फिर भी क्यूँ लिखना चाहे
तू उसको ख़त, ऐ दिल?
नही चाहता हैं अब वो
तुझसे करना बातें भी,
नही सुनना चाहता हैं अब
वो तेरा हाल-ऐ दिल।
भूलना चाहता हैं अब तुझे
ये तू मान भी जा।
किसी और का हो चुका
अब तो तेरे यार का दिल।
तुझे उसको भुलाना होगा
सुन ले तू ऐ मेरे दिल।
तेरे साथ नही धड़कता
अब तेरे उस यार का दिल।
Wednesday, May 13, 2009
जुदाई
ये दुनिया समजती है ,
की हम दोनों अलग हो गये है।
इन्हे कैसे समझायें,
की हम दूर रहकर भी कितने पास है?
आपके ह्रदय सागर की लहेरें,
मेरे मन के किनारे भिगोती है।
आपकी धुपबत्ती की खुशबू ,
मेरी सांसो में भर जाती है।
आपके महल में जलता दिया ,
मेरी झोंपडी को रोशन करता है।
लोग कहेते है जुदाई में,
मेरे होठ फिक्के पड़ गये है।
वो क्या जाने की ,
जब आप मुझे चूमना चाहते है ,
मेरे होठों की लाली
आपके होठों तक पहुँच जाती है।
ये दुनिया समजती है ,
की हम दोनों अलग हो गये है।
इन्हे कैसे समझायें,
की हम दूर रहकर भी कितने पास है?
की हम दोनों अलग हो गये है।
इन्हे कैसे समझायें,
की हम दूर रहकर भी कितने पास है?
आपके ह्रदय सागर की लहेरें,
मेरे मन के किनारे भिगोती है।
आपकी धुपबत्ती की खुशबू ,
मेरी सांसो में भर जाती है।
आपके महल में जलता दिया ,
मेरी झोंपडी को रोशन करता है।
लोग कहेते है जुदाई में,
मेरे होठ फिक्के पड़ गये है।
वो क्या जाने की ,
जब आप मुझे चूमना चाहते है ,
मेरे होठों की लाली
आपके होठों तक पहुँच जाती है।
ये दुनिया समजती है ,
की हम दोनों अलग हो गये है।
इन्हे कैसे समझायें,
की हम दूर रहकर भी कितने पास है?
Thursday, May 7, 2009
आइना
मेरे पास एक आइना था,
जिसमें मै ख़ुद को देखता था.
कपडों और चहेरे के दाग दूर कर के,
सुंदर मैं बन जाता था।
एक दिन जब मै आईना देख रहा था,
अचानक वो टूट गया , टुकडों में वो बट गया।
मेरा दिल भी टूट गया , क्या करूँगा मै अब
सोचकर मै वहाँ से चलने लगा।
तभी उन टुकडो ने कहा
"हमारी तरफ तो देखो जरा"।
मैंने देखा तो हर टुकडें में,
मै,वैसा ही सुंदर दिख रहा था।
फिर मै ये सोचने लगा
जब कोई दिल तोड़ता है
और दिल टुकडों में बंट जाता है
तब भी क्या दिल के हर टुकड़े में
वो बेवफा सनम भी उतना ही सुंदर
दिख पाता है?
दिल को शीशा कहने वालो ने
कभी इस फर्क के बारें में सोचा है?
जिसमें मै ख़ुद को देखता था.
कपडों और चहेरे के दाग दूर कर के,
सुंदर मैं बन जाता था।
एक दिन जब मै आईना देख रहा था,
अचानक वो टूट गया , टुकडों में वो बट गया।
मेरा दिल भी टूट गया , क्या करूँगा मै अब
सोचकर मै वहाँ से चलने लगा।
तभी उन टुकडो ने कहा
"हमारी तरफ तो देखो जरा"।
मैंने देखा तो हर टुकडें में,
मै,वैसा ही सुंदर दिख रहा था।
फिर मै ये सोचने लगा
जब कोई दिल तोड़ता है
और दिल टुकडों में बंट जाता है
तब भी क्या दिल के हर टुकड़े में
वो बेवफा सनम भी उतना ही सुंदर
दिख पाता है?
दिल को शीशा कहने वालो ने
कभी इस फर्क के बारें में सोचा है?
Wednesday, May 6, 2009
समझ नही पा रहा हूँ.
हे रंग-बिरंगी दुनिया, मै तेरे रंग समझ नही पा रहा हूँ.
देश-हित के लिए ख़ुद का , और ख़ुद के स्वार्थ के लिए देश बंधुओ का,
खून बहाने वाले, दोनों ही राज नेता क्यूँ कहेलाते,
मै समझ नही पा रहा हूँ.
दोस्त के लिए जो जान दे, वो है सच्चे दोस्त
पर स्पर्धा में खुदके दोस्त का गला काटने वाले दोस्त
मै समझ नही पा रहा हूँ.
समझ सकता हूँ मै, एक दुसरे के होने की इच्छा रखने वाले प्रेमी
परन्तु एक दुसरे को, हमेशा के लिए भूलने वाले प्रेमी,
मै समझ नही पा रहा हूँ.
वैसे तो अपनी लाडली बेटी के लाड ही करती है माँ
परन्तु अपने ही लाडली को जन्म से पहेले ही मार देने वाली माँ
मै समझ नही पा रहा हूँ.
वैसे तो आप्त जनोके दुःख लाते हैं आंखोमें अश्रु
पर उनकी खुशी में भी क्यूँ आखोमे आते है हर्षाश्रु
मै समझ नही पा रहा हूँ.
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