काश कभी कोई सपना भी सच हो जाये!
जिसकी तलाश हो, उससे सामना हो जाये!
बंद दिल के दरवाजे किए बैठा हुआ हूँ मैं
तुम जो आओ, शायद वो खुले हो जाये !
सुना है हर रात की सुबह होती है
मेरे गम का भी शायद अंत हो जाये !
बरसों पुराना दोस्त मिल गया है तो
शायद कोई पुरानी याद ताज़ा हो जाये !
संपूर्ण विश्वास से तुम उसकी भक्ति करो
तुम्हे शायद भगवान् के दर्शन हो जाये!
तुषार खेर
जिसकी तलाश हो, उससे सामना हो जाये!
बंद दिल के दरवाजे किए बैठा हुआ हूँ मैं
तुम जो आओ, शायद वो खुले हो जाये !
सुना है हर रात की सुबह होती है
मेरे गम का भी शायद अंत हो जाये !
बरसों पुराना दोस्त मिल गया है तो
शायद कोई पुरानी याद ताज़ा हो जाये !
संपूर्ण विश्वास से तुम उसकी भक्ति करो
तुम्हे शायद भगवान् के दर्शन हो जाये!
तुषार खेर
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